हेल्लो दोस्तों ! आपने कभी न कभी Secured and Unsecured Loans के बारे में तो सुना ही होगा, आज के इस लेख में हम Secured and Unsecured Loans के बारे में विस्तार से जानेंगे। इनमें से कोनसा लोन अधिक लाभकारी हो सकता है , इनकी विशेषताएं , ब्याज दरें, चुकौति आदि के बारे में जानेंगे।
बैंक और वित्तीय संस्थान मुख्यतः दो प्रकार के लोन देते है- Secured and Unsecured Loans:
Secured Loan:
Secured Loan वह लोन होता है जिसमे लोन के अगेंस्ट कोई संपत्ति जैसे घर, प्लॉट, सोना, गाड़ी इत्यादि बैंक या वित्तीय संस्थान के पास रखनी होती है, यदि लोन लेने वाला व्यक्ति ऋण चुकाने में असफल हो जाता है तो ऋणदाता उस संपति को जफ्त करने का पूरा अधिकार रखता है। इस तरह के लोन में ब्याज दर आमतौर पर कम होती है और बैंकों को इस प्रकार के लोन में जोखिम भी कम होता है। सिक्योर्ड लोन लेने के लिए बैंक के पास सिक्योरिटी रखनी पड़ती है।
इस लोन के लिए सिबिल इतना अधिक मायने नहीं रखता। सिक्योर्ड लोन पर बैंक ब्याज भी कम होता है। ऐसे लोन के लिए बैंक को कम जोखिम होता है। क्योंकि सिक्योर्ड लोन के डिफॉल्ट होने के बहुत कम चांस होते है।
Secured Loan के उदाहरण:
कार लोन:
कार लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, भले ही कार का फिजिकल पोजिशन बॉरोवर के पास रहता है लेकिन वास्तव में जब तक उस कार का लोन चुकता नहीं हो जाता तब तक एक्चुअल पोजिशन बैंक का ही होता है, अगर बॉर्रोवर लोन भरने में असफल होता है तो कार को जफ्त करने का पूरा अधिकार बैंक के पास होता है।
गृह ऋण:
यह भी एक सिक्योर्ड लोन होता है, क्योंकि होम लोन लेते समय बैंक या वित्तीय संस्थान घर या प्लॉट से जुड़े सब ओरिजिनल डॉक्यूमेंट अपने पास सुरक्षित रख लेता है और घर या प्लॉट को मॉर्टगेज कर लेता है, जिससे भविष्य में लोन चुकता न होने की स्थिति में बैंक को अपना लोन का अमाउंट रिकवर करने में मदद मिलती है।
गोल्ड लोन:
बैंक गोल्ड को सिक्योरिटी के रूप में रख कर लोन देते है, अतः यह भी एक सिक्योर्ड लोन होता है।
विशेषताएं:
- ऋण की मात्रा : सिक्योर्ड लोन में ऋण की मात्रा सिक्योरिटी के अनुसार निश्चित की जाती है। चूंकि लोन सिक्योर्ड होता है तो बड़ी ऋण राशि देने में बैंक को कोई दिक्कत भी नही होती।
- कम ब्याज दर: इस तरह के लोन के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान आमतौर पर कम ब्याज लेते है, क्योंकि क्रेडिट जोखिम कम होता है।
- गारंटी या सिक्योरिटी : इस लोन को लेने के लिए बैंक के पास संपति को गिरवी रखना जरूरी होता है।
अनसिक्योर्ड लोन:
असुरक्षित ऋण वह होता है जिसमे बैंक के पास किसी तरह की संपति को गिरवी नहीं रखा जाता। इस प्रकार के ऋण में ऋणदाता के पास उच्च जोखिम होता है। असुरक्षित ऋण को यदि ऋणी व्यक्ति नहीं चुका पता तो ऋणदाता को ऋण रिकवरी के लिए कानूनी कार्यवाही करनी पड़ती है, जिसमे अधिक समय तक लग सकता है।
इस ऋण में जोखिम अधिक होने की वजह से ब्याज की दर भी अधिक होती है।अनसिक्योर्ड लोन बैंक के लिए ज्यादा रिस्की होता है, क्योंकि अनसिक्योर्ड लोन के लिए बैंक के पास कोई कोलेटरल या अन्य सिक्योरिटी नही होती। ऐसे लोन लेने के लिए अच्छे सिबिल(CIBIL) के साथ व्यक्ति की फाइनेंशियल स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए।
बैंक ऐसे लोन करने से पहले व्यक्ति के घर और बिजनेस या जॉब कई तरह की इंक्वायरी कर सकता है। इस तरह इंक्वायरी बैंक द्वारा व्यक्ति की फाइनेंशियल स्थिति जानने के लिए की जाती है।
अनसिक्योर्ड लोन के उदाहरण:
Peraonal Loan:
यह लोन बिना किसी सिक्योरिटी के व्यक्ति की इनकम के आधार उसकी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए दिया जाता है।
क्रेडिट कार्ड:
क्रेडिट कार्ड क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर के आधार पर दिया जाता है और बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाता है, ये भी अनसिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है।
Education Loan:
एजुकेशन लोन 7.50 लाख तक अनसिक्योर लोन की श्रेणी में आता है, जबकि 7.50 लाख के उपर के लोन के लिए बैंक को कोलेटरल सिक्योरिटी देनी होती है, जिससे यह सिक्योर समझा जाता है।
विशेषताएं:
- अधिक ब्याज दर: अनसिक्योर्ड लोन में बैंक के लिए जहां जोखिम अधिक होता है, वहीं बैंक इस लोन के लिए ब्याज दर भी अधिक लेते है।
- बिना सिक्योरिटी के लोन: इस लोन के लिए बैंक के पास सिक्योरिटी गिरवी रखने की कोई जरूरत नहीं होती, यह लोन बैंक द्वारा व्यक्ति की इनकम, बिजनेस एवं जॉब आदि की पूरी इंक्वायरी करने के बाद ही बैंक देते है।
- कानूनी कार्यवाही: अगर इस लोन को उधरकर्ता चुका नही पाता तो ऋणदाता उधरकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकता है।

Difference between: Secured and unsecured loans
Secured and Unsecured Loans व्यक्ति या संस्था को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के जोखिम के आधार पर प्रदान दिए जाते हैं। Secured and Unsecured Loans मुख्य अंतर ऋण की सुरक्षा और गारंटी से जुड़ा होता है:
- बैंक सिक्योर्ड लोन में कम ब्याज जबकि अनसिक्योर्ड लोन में ज्यादा ब्याज लेते है।
- सिक्योर्ड लोन ज्यादा अवधि के लिए जबकि अनसिक्योर्ड लोन कम अवधि के लिए दिए जाते हैं।
- सिक्योर्ड लोन में बैंक का जोखिम कम जबकि अनसिक्योर्ड लोन में बैंक जोखिम अधिक होता है।
- सिक्योर्ड लोन चुकाने में चूक होने पर लैंडर गिरवी रखी संपत्ति को जब्त भी कर सकता है जबकि अनसिक्योर्ड लोन चुकाने में चूक होने पर लैंडर उधारकर्ता के खिलाफ अदालत में केस कर सकता है।
- सिक्योर्ड लोन के तहत लैंडर अधिक ऋण राशि दे सकता है, जबकि अनसिक्योर्ड लोन में अधिक ऋण नही मिल पाता।
- सिक्योर्ड लोन लेने के लिए उधारकर्त्ता को लैंडर के पास संपति या अन्य कोलेटरल रखना पड़ता है, जबकि अनसिक्योर्ड लोन ऐसा कुछ नही होता।
Secured and Unsecured loans: निष्कर्ष:-
Secured and Unsecured Loans – सुरक्षित एवं असुरक्षित ऋण दोनो के अपने फायदे एवं नुकसान है, जहां सुरक्षित ऋण कम ब्याज दर पर अधिक ऋण की सुविधा देता है वहीं असुरक्षित ऋण बिना किसी संपत्ति गिरवी रखे व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करता है। अतः व्यक्ति को अपनी जरूरतों एवं वित्तीय स्थिति के अनुसार यह निर्णय लेना चाहिए की कोनसा ऋण उसके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है और उसका चुनाव कर सकता है।
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