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Collateral free loan

RBI increased Collateral Free Loan limit for agriculturist from ₹1.6 lakh to ₹2 lakh: कृषि क्षेत्र के लिए बिना गारंटी वाले ऋण की सीमा में वृद्धि

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6 दिसंबर, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह को बढ़ावा देना है। इस सर्कुलर में यह घोषणा की गई है कि बिना सिक्योरिटी या गारंटी (Collateral free Loan) कृषि ऋणों की सीमा को बढ़ाकर ₹1.6 लाख से ₹2 लाख कर दिया जाएगा। यह कदम किसानों और संबंधित गतिविधियों में लगे लोगों को अधिक सहायता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

क्या कहता है यह सर्कुलर?:

आरबीआई(RBI) ने इस सर्कुलर के जरिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और छोटे वित्त बैंक भी शामिल हैं), राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्देशित किया है कि वे बिना गारंटी वाले कृषि ऋणों की सीमा को ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दें।

इसके साथ ही, इन ऋणों के लिए बैंकों को किसी प्रकार की गारंटी या मार्जिन की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय कृषि क्षेत्र में बढ़ती लागत और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे पहले RBI ने इसे फरवरी, 2019 में ₹ 1 लाख से बढ़ाकर ₹ 1.6 लाख किया गया था।

क्यों किया गया यह बदलाव?: Collateral free loan limit increased

कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती मुद्रास्फीति और कृषि लागत के कारण किसानों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है। खाद्य वस्तुओं, उर्वरकों और अन्य कृषि सामग्रियों की कीमतों में लगातार वृद्धि ने किसानों को कर्ज लेने के लिए मजबूर किया है। इसके अलावा, कृषि गतिविधियों के लिए कर्ज प्राप्त करने के लिए जरूरी गारंटी की आवश्यकता भी एक बड़ा अवरोध रही है।

आरबीआई का यह निर्णय इस समस्या को दूर करने की दिशा में एक कदम है। अब किसान बिना किसी गारंटी (Collateral free loan) के ₹2 लाख तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें खेती की लागत को उठाने में आसानी होगी। इस कदम से न केवल कृषि क्षेत्र को पुनः मजबूत बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया जीवन मिलेगा।

क्या क्या बदलाव होंगे?-

  • ऋण सीमा में वृद्धि: अब किसान ₹2 लाख तक का कृषि ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकेंगे।
  • सहायक गतिविधियाँ भी शामिल: यह बदलाव कृषि के अलावा कृषि से संबंधित सहायक गतिविधियों, जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि के लिए भी लागू होगा।
  • मार्जिन और गारंटी की छूट: इन ऋणों के लिए अब किसी भी प्रकार की गारंटी या मार्जिन की आवश्यकता नहीं होगी।

बैंकों के लिए दिशा-निर्देश-(Collateral free loan- instructions to banks)

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 1 जनवरी 2025 तक इस बदलाव को प्रभावी करें और साथ ही इस नए नियम की व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें। इसके लिए बैंकों को पर्याप्त प्रचार सामग्री तैयार करने और किसानों को इस बदलाव के बारे में अवगत कराने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।

किसानों के लिए लाभ-

  • इस फैसले से किसानों को सीधे तौर पर कई लाभ मिल सकते हैं:
  • सरल ऋण उपलब्धता: अब किसान बिना किसी सुरक्षा के ऋण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें अधिक कर्ज लेने में आसानी होगी।
  • कम लागत पर ऋण: गारंटी की आवश्यकता नहीं होने के कारण किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण मिलने की संभावना बढ़ेगी।
  • समय पर ऋण का प्रवाह: अधिक ऋण सीमा होने से किसानों को अपने कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त राशि समय पर मिल सकेगी।

निष्कर्ष-

आरबीआई द्वारा बिना गारंटी के कृषि ऋण (Collateral free loan) की सीमा बढ़ाने का निर्णय भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा सकारात्मक कदम है। इस कदम से किसानों को उनकी उत्पादन लागत को पूरा करने में सहायता मिलेगी और साथ ही कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा। सरकार और बैंकों के सहयोग से इस बदलाव का सही ढंग से क्रियान्वयन होने पर भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।

यह कदम न केवल किसानों के लिए, बल्कि देश की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। अब बैंकों और किसानों को इस नए दिशा-निर्देश के लाभों का सही तरीके से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।


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